बिहारी (साहित्यकार) - विकिपीडिया
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वे बिहारी की काव्य कुशलता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बिहारी से और भी दोहे रचने के लिए कहा और प्रति दोहे पर एक अशर्फ़ी ... बिहारी ने अपने पूर्ववर्ती सिद्ध कविवरों की मुक्तक रचनाओं, जैसे आर्यासप्तशती, गाथासप्तशती, अमरुकशतक आदि से ...
साँचा:बिहारी लाल की रचनाएँ - भारतकोश ...
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साँचा:बिहारी लाल की रचनाएँ. इस पृष्ठ में अनिरीक्षित बदलाव भी दिखाए गए हैं ... रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ -बिहारी लाल · नील पर कटि तट -बिहारी लाल · खेलत फाग दुहूँ ... हो झालौ दे छे रसिया नागर पनाँ -बिहारी लाल · उड़ि गुलाल घूँघर भई -बिहारी लाल.
बिहारी लाल - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी ...
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बिहारी लाल की रचनाएँ ... वे बिहारीलाल की काव्य कुशलता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बिहारीलाल से और भी दोहे रचने के लिए कहा और प्रति दोहे पर एक अशर्फ़ी देने का वचन दिया। ... 'बिहारी सतसई' शृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है।
बिहारी | हिन्दी साहित्य
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वे बिहारी की काव्य कुशलता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बिहारी से और भी दोहे रचने के लिए कहा और प्रति दोहे पर एक अशर्फ़ी देने का वचन दिया। बिहारी जयपुर नरेश के दरबार में रहकर काव्य-रचना करने लगे, वहां उन्हें पर्याप्त धन और यश मिला।
बिहारी के दोहे - कविता कोश
kavitakosh.org/kk/बिहारी_के_दोहे
बिहारी शाहजहाँ के समकालीन थे और राजा जयसिंह के राजकवि थे। राजा जयसिंह अपने विवाह के बाद अपनी नव-वधू के प्रेम में राज्य की तरफ बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे थे तब बिहारीने उन्हें यह दोहा सुनाया थाः. नहिं पराग नहिं मधुर मधु नहिं ...
बिहारी - कविता कोश
kavitakosh.org/kk/बिहारी
बिहारी - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है जिसमें हिन्दी उर्दू, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि पचास से अधिक भाषाओं का काव्य है। ... भारतकी संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के ...
"अभिव्यक्तियाँ बोलती हैं": 'श्रृंगार के ...
drmanojjpr.blogspot.com/2011/.../blog-post_8820.ht...
आचार्य शुक्ल का इस सम्बन्ध में कहना है - यह बात साहित्य क्षेत्र के इस तथ्य कीस्पष्ट घोषणा कर रही है की किसी कवि का यश उनकी रचनाओं के परिमाण से नही होता ,गुण के हिसाब से होता है। बिहारी सतसई का दोहा एक -एक उज्जवल रत्न है।
बूंद-बूंद इतिहास: रीतिसिद्ध कवि
hindikaitihaas.blogspot.com/2010/11/blog-post.html
इस ब्लॉग में आप पाएंगे हिंदी साहित्य के इतिहास की रूपरेखा और एक ही स्थान पर हिंदी की रचनाओं,लेखकों और उसकी विभिन्न धाराओं की प्रवृत्तियों का ... बिहारी की सतसई में प्रकृति और नारी सौंदर्य के विभिन्न रूप मिलते हैं । प्रेम ...
बिहारी हिन्दी कविता, हिन्दी कवि, हिन्दी ...
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बिहारी. (1595-1663 ई.) बिहारी का पूरा नाम बिहारीलाल है। इनका जन्म ग्वालियर के समीप वसुवा गोविंदपुर में माथुर चौबे चाति में हुआ था। ओरछा में संगीत और साहित्य की शिक्षा ली। जयपुर के महाराजा जयसिंह इनके आश्रयदाता था। कहते हैं इन्होंने एक ...
महाकवि बिहारी | हिन्दीकुंज,Hindi Website ...
www.hindikunj.com › बिहारी › रीतिकाल
आचार्य शुक्ल का इस सम्बन्ध में कहना है - यह बात साहित्य क्षेत्र के इस तथ्य कीस्पष्ट घोषणा कर रही है की किसी कवि का यश उनकी रचनाओं के परिमाण से नही होता ,गुण के हिसाब से होता है। बिहारी सतसई का दोहा एक -एक उज्जवल रत्न है।
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