Kabir ke dohe: कबीर के दोहे हिन्दी में अर्थ सहित ...
jack.jagranjunction.com/.../kabir-ke-dohe-in-hindi-क...
संत कबीर दास को भारतीय समाज में बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. संत कबीरदास ने अपनी वाणी और अपने कथनों से जनता के लिए कई अनमोल रास्ते बनाए हैं. कबीर दासके दोहे एक ऐसी वस्तु के रूप में विख्यात हैं जिन्हें पढकर कोई भी ...
गुरू महिमा - कबीर के दोहे | Kabir Dohe on Guru ...
www.bharatdarshan.co.nz/magazine/.../kabir-dohe3.ht...
संत कबीरदास के गुरू से संबंधित दोहे। Kabir Dohe on Guru. Dohe about Guru - Hindi Doheby Sant Kabirdas. How important is a teacher? What Kabir says about Guru (Teacher)?
Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi कबीर दास के ...
www.achhikhabar.com/.../kabir-das-ke-dohe-with-me...
कबीर दास के दोहे Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। ... अर्थ : यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह ह्रदय के ...
रहीम के दोहे: वाणी से होती है आदमी की पहचान ...
https://deepakbapukahin.wordpress.com/.../रहीम-के...
दोनों रहिमन एक से, जौ लौं बोलत नाहिं जान परत हैं काक पिक, ऋतू बसंत के माहिं कविवर रहीम कहते हैं कि जब तक मुख से बोलें नहीं कौआ और कोयल एक ही समान प्रतीत होते हैं ऋतूराज बसंत की आने पर कोयल की मीठी वाणी कुहू-कुहू से और कौए की ...
संत कबीर वाणी-मीठी वाणी से सब प्रसन्न होते ...
teradipak.blogspot.com/2008/03/blog-post_10.html
संत कबीर वाणी-मीठी वाणी से सब प्रसन्न होते हैं. कागा काको धन हरै कोयल काको देत मीठा शब्द सुनाय के, जग अपनी करि लेत. संत शिरोमणि कबीर दास जी कहते हैं कि कौवा किसका धन चोरी करता है और कोयल किसको क्या देती है, जबकि वह अपनी ...
तुलसीदास के दोहे-मधुर वाणी पर सोच समझकर ...
deepkraj.blogspot.com/.../tulsi-sahitya-madhur-vano-p...
तुलसीदास के दोहे-मधुर वाणी पर सोच समझकर विचार करना चाहिए (tulsi sahitya-madhur vano par sochkar vichar karen). आजकल बाज़ार ... ठगी करने वाले लोग अपनीमीठी बातों के साथ ही आकर्षण प्रलोभन भी देते हैं। ..... संत कबीर दास के दोहे-पानी तो झुक कर ही पिया जा सकता है (sant kabir ke dohe-pani to jhukkar hi piya ja sakta hai).
संत कबीर के दोहे-शब्द वही है जो दिल में समाए ...
aajtak-patrika.blogspot.com/.../sant-kabir-ke-dohe-sha...
संत कबीर के दोहे-शब्द वही है जो दिल में समाए (sant kabir ke dohe-shabd jo dil me samae) ... उनके वाणी से निकले शब्द तात्कालिक रूप से जरूर प्रभाव डालते हैं पर श्रोता के ह्रदय की गहराई में नहीं उतरते क्योंकि वह कथित वक्ताओं के ह्रदय की गहराई ...
संत कबीर वाणी:हीरे का होता है मोल, पर सुंदर ...
rajlekh.blogspot.com/2008/12/blog-post_30.html
संत कबीर वाणी:हीरे का होता है मोल, पर सुंदर शब्द कहलाते हैं अनमोल. शब्द बराबर धन ... संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि अगर कोई अपनी वाणी से शब्द बोलना जानता हो तो वास्तव में उचित शब्द के बराबर कोई धन नहीं है। हीरा तो फिर भी ..... संत कबीर के दोहे:पाखंडी गुरूओं की शरण लेने से कोई... संत कबीर ...
संत कबीर दास के लोकप्रिय दोहे – Kabir Ke Dohe ...
happyhindi.com/2014/11/21/kabir-ke-dohe/
संत कबीर (Kabir) जी का हिंदी साहित्य (Hindi Sahitya) में विशिष्ट स्थान है| वे बड़ी बड़ी बातों को अपने दोहों के माध्यम ... थे| कबीर दास के दोहे (Kabir ke Dohe) समझकर इन्सान यह समझ जाता है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं| उनके दोहे हिन्दू ... कहते है कि हम जैसा भोजन करते है वैसा ही हमारा मन हो जाता है और हम जैसा पानी पीते है वैसी ही हमारी वाणी हो जाती है|.
No comments:
Post a Comment