बिहारी (साहित्यकार) - विकिपीडिया
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बिहारी की एकमात्र रचना सतसई (सप्तशती) है। यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं। कतिपय दोहे संदिग्ध भी माने जाते हैं। यों सभी दोहे सुंदर और सराहनीय हैं तथापि तनिक विचारपूर्वक बारीकी से देखने पर लगभग २०० दोहे अति उत्कृष्ट ठहरते हैं।
बिहारी के दोहे - कविता कोश
kavitakosh.org/kk/बिहारी_के_दोहे
रीति काल के कवियों में बिहारी प्रायः सर्वोपरि माने जाते हैं। बिहारी सतसई उनकी प्रमुख रचना हैं। इसमें ७१३ दोहे हैं। किसी ने इन दोहों के बारे में कहा हैः. सतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर। देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर।
बिहारी के दोहे | हिन्दी साहित्य
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बिहारी के दोहे रीति काल के कवियों में बिहारी प्रायः सर्वोपरि माने जाते हैं। बिहारी सतसई उनकी प्रमुख रचना हैं। इसमें ७१३ दोहे हैं। किसी ने इन दोहों के बारे में कहा हैः सतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर। देखन में छोटे लगैं घाव ...
"अभिव्यक्तियाँ बोलती हैं": 'श्रृंगार के ...
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महाकवि बिहारी केवल एक रचना 'बिहारी सतसई' के आधार पर हिन्दी साहित्य में सदा के लिए अगर हो गये। सतसई में मात्र सात सौ दोहे हैं, जो बहुत बड़ी संख्या नहीं है, और इनमें से अनेक आज की साहित्य की दुनिया में लोकप्रिय हैं। इससे कवि की ...
Bihari Ke Dohe बिहारी के दोहे एवं उनके हिंदी अर्थ
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Bihari Ke Dohe With Meaning In Hindi बिहारी के दोहे हिंदी अर्थ सहित लिखे गये हैं बिहारी रीतिकाल के कवी थे जिनकी ... कविवर बिहारी कह रहे हैं कि उनकी रचना सतसई के दोहे देखने में छोटे हैं जैसे नावक एक प्रकार का तीर जो बहुत छोटा होता हैं ...
बिहारी सतसई - एक समीक्षा | India Portal
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सतसई (सात सौ दोहे) कवि बिहारी द्वारा लिखित 17वीं शताब्दी। की शुरूआत का एक प्रसिद्ध कार्य है। इसमें भक्ति, नैतिकता और प्रेम पर दोहे शामिल हैं। इसे हिन्दी साहित्य के रीति काल की एक महत्वपूर्ण कृति माना जाता है। आज जय देव के ...
बिहारी के दोहे | Bihari Ke Dohe | Bihari's Couplets
www.bharatdarshan.co.nz/magazine/.../dohe-bihari.ht...
बिहारी के दोहे - रीति काल के कवियों में बिहारी सर्वोपरि माने जाते हैं। सतसई की बिहारी प्रमुख रचना हैं।
बिहारी के दोहे - Focus Times
focustimes.in › Blog
रीति काल के कवियों में बिहारी प्रायः सर्वोपरि माने जाते हैं। बिहारी सतसई उनकी प्रमुख रचना हैं। इसमें ७१३ दोहे हैं। किसी ने इन दोहों के बारे में कहा हैः. सतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर। देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर।। (नावक = एक ...
बिहारी लाल - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी ...
bharatdiscovery.org/india/बिहारी_लाल
बिहारीलाल की एकमात्र रचना 'बिहारी सतसई' है। यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं। 'बिहारी सतसई' शृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है। इसका एक-एक दोहा हिन्दी साहित्य का एक-एक अनमोल रत्न माना जाता है। बिहारीलाल की कविता
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