सूरदास के पदों का संकलन


सूर के पद - Wikisource
https://wikisource.org/wiki/सूर_के_पद
माया कौ कटि फैंटा बांध्यो लोभ तिलक दियो भाल॥ कोटिक कला काछि दिखरा जल थल सुधि नहिं काल। सूरदास की सबै अविद्या दूरि करौ नंदलाल॥७॥ शब्दार्थ चोलना नाचने के समयका घेरदार पहनावा। पखावज मृदंग। विषय कुवासना। फैंटा कमरबंद।

सूर के पद - सूरदास के पदों का संकलन | Sur Ke Pad
www.bharatdarshan.co.nz/magazine/.../sur-ke-pad.htm...
सूरदास के पद - इस पृष्ठ के अंतर्गत सूर के पदों का संकलन यहाँ उपलब्ध करवाया जा रहा है। कृष्ण भक्त कवि सूरदास को वात्सल्य सम्राठ कहा जाता है। भक्त सूरदास ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का अद्भुत ह्रदय-स्पर्शी वर्णन किया है। Surdas ke Pad - A collection of प्रस्तुत हैं कृष्ण भक्त कवि सूरदास जी द्वारा श्रीकृष्ण की बाल लीला का अद्भुत वर्णन। | The post of poet Surdas, Surdas post, Surdas Jayanti, Krishna devotees, Krishna, Child's play.

सूरदास - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/wiki/सूरदास
सूरदास का नाम कृष्ण भक्ति की अजस्र धारा को प्रवाहित करने वाले भक्त कवियों में सर्वोपरि है। हिन्दी ... वल्लभाचार्य ने उनको पुष्टिमार्ग में दीक्षित कर के कृष्णलीला के पद गाने का आदेश दिया। ... सहित्यलहरी मैं सूर के दृष्टिकूट पद संकलित हैं।

सूर संगीत (सूरदास के 108 पद स्वरलिपि-सहित): Sur ...
www.exoticindiaart.com/.../108-sur-sangeet-108-devo...
वैष्णव सम्प्रदाय के महान् भक्तकवि सूरदास जी के चुने हुए पदों को स्वर और ताल में निबद्ध करके भक्तिकवि के निगूढ़ भावों की अभिव्यंजना करने का यह एक श्लाध्य सुप्रयास है । प्रचलित संगीत पर वैष्णवसम्प्रदाय का महान् ऋण है । वैष्णवमन्दिरों में ...

सूरदास - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर
bharatdiscovery.org/india/सूरदास
अन्त: साक्ष्य से सूरदास के ब्राह्मण होने का कोई संकेत नहीं मिलता बल्कि इसके विपरीत अनेक पदोंमें उन्होंने ब्राह्मणों की हीनता का .... एक प्रकार से 'सूरसागर' जैसा कि उसके नाम से सूचित होता है, उनकी सम्पूर्ण रचनाओं का संकलन कहा जा सकता है।

सूरदास की रचनाएँ | हिन्दी साहित्य
https://vimisahitya.wordpress.com/.../surdas_rachanaa/
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कौ¸ करवत लैहौं कासी। ... इस पद में नंद बाबा के प्रति संदेश भेजा है। कहते है:- “बाबा ... भावार्थ :- `कह्यौ न कोउ कन्हैया' यहां मथुरा में तो सब लोग कृष्ण और यदुराज के नाम से पुकारते है, मेरा प्यार का `कन्हैया' नाम कोई नहीं लेता। ..... इसमे विभिन्न लेखोका संकलन किया गया है।

Bhramar Geet: Surdas by Manisha Kulshreshtha
hindinest.com/bhaktikal/02452.htm
बस इन्हीं करीब 100 से अधिक पदों का संकलन भ्रमरगीत या उध्दव-संदेश कहलाया जाता है। कृष्ण जब गुरु संदीपन के यहाँ ज्ञानार्जन के लिये गए थे तब उन्हें ब्रज की याद सताती थी। वहाँ उनका एक ही मित्र था उध्दव, वह सदैव रीति-नीति की, निगुर्ण ब्रह्म और ...

सूर के पद (Soor ke pad) - ICSE Hindi
icsehindi.com/soor-ke-pad/
कवि: सूरदास. क) चरण कमल बंदौ हरिराई  बार-बार बंदौ तेहिं पाई | १) कवि का परिचय दीजिये | उत्तर: सूरदास कृष्ण-भक्ति काव्य के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं | इनकी तीन प्रसिद्ध रचनाएँ हैं – 'सूरसागर', सूर-सारावली और 'साहित्यलहरी' | इनके ...

सूरदास के विनय पद - अनुभूति
www.anubhuti-hindi.org/.../surdas/vinaya_pada.htm
विनय पद. १. चरण-कमल बंदौ हरि राई। जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, अंधे को सब कुछ दरसाई।। बहिरौ सुनै मूक पुनि बोलै, रंक चलै सिर छत्र धराई। 'सूरदास' स्वामी करूणामय, बार-बार बन्दौं तेहि पाई।। २ मेरौ मन अनत कहाँ सुख पावै। जैसे उड़ि जहाज़ को पंछी, फिरि

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