रसखान की कविताएँ - भारतकोश, ज्ञान का ...
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रसखान की कविताओं के दो संग्रह प्रकाशित हुए हैं- 'सुजान रसखान' और 'प्रेमवाटिका'। 'सुजान रसखान' में 139 सवैये और कवित्त है। 'प्रेमवाटिका' में 52 दोहे हैं, जिनमें प्रेम का बड़ा अनूठा निरूपण किया गया है। रसखानि के सरस सवैय सचमुच बेजोड़ हैं।
कृष्णा रसखान - रसखान काव्य | कृष्ण भक्ति गीत ...
https://www.youtube.com/watch?v=CFx4RVYfzeQ
भक्ति संगीत एलबम 'कृष्णा रसखान' से सुंदर रसखान कविता। लिएअधिक जानकारी और पटरियों डाउनलोड करने के लिए जाते हैं, तो www.mysticamusic.com।
Kahani रसखान की .wmv - यूट्यूब
https://www.youtube.com/watch?v=J3o38iEVOIk
Kahani रसखान की .wmv। हितेश kr चुग। SubscribeSubscribedUnsubscribe 3939. लोड हो रहा है ... लोड हो रहा है ... कार्य ...
रसखान - कविता कोश
kavitakosh.org/kk/रसखान
रसखान - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है जिसमें हिन्दी उर्दू, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि पचास से अधिक भाषाओं का काव्य है। ... भक्तिकाल की कृष्णाश्रयी शाखा के महत्त्वपूर्ण कवि। वृंदावन में ...
रसखान - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/wiki/रसखान
कविता संग्रह, रसखान रचनावली ... हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों मेंरसखान का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। रसखान को 'रस की खान' ... उन्होंने अपने काव्य की सीमित परिधि में इन असीमित लीलाओं को बखूबी बाँधा है। मथुरा में ...
रसखान हिन्दी कविता, हिन्दी कवि, हिन्दी ...
www.brandbharat.com/hindi/literature/.../raskhan.html
रसखान दिल्ली के रहने वाले पठान सरदार थे। आरंभ में ये प्रेम में अत्यधिक आसक्त थे, किन्तु बाद में इनका मोह भंग हुआ तथा गोकुल जाकर इन्होंने स्वामी विट्ठलनाथ से दीक्षा ली और श्रीनाथजी के अनन्य भक्त हो गए। 'दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता में ...
रसखान
www.ignca.nic.in/coilnet/raskhn.htm
उपर्युक्त सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि रसखान ने अपना नाम "रसखान' सिर्फ इसलिए रखा था कि वह कविता में इसका प्रयोग कर सके। फारसी कवियों की नाम चसिप्त में रखने की परंपरा का पालन करते हुए रसखान ने भी अपने नाम खाने के पहले "रस' लगाकर ...
Raskhan Ke Krishna by Manisha Kulshreshtha
hindinest.com/bhaktikal/02310.htm
रसखान के कृष्ण. मानुष हौं तो वही रसखानि बसौं गोकुल गाँव के ग्वालन। जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो चरौं नित नन्द की धेनु मंझारन। पाहन हौं तो वही ... हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। रसखान को रस .... अमीर खुसरो - जीवन कथा और कविताएं जो कलि नाम ...
रसखान की पदावलियाँ | Raskhan Padawali
www.bharatdarshan.co.nz/lit.../padawli-raskhan.html
Author:रसखान | Raskhan. मानुस हौं तो वही रसखान बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन। जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन॥ पाहन हौं तो वही गिरि को, जो धर्यो कर छत्र पुरंदर कारन। जो खग हौं तो बसेरो करौं मिलि कालिंदीकूल कदम्ब की ...
रसखान का जीवन परिचय | Raskhan
www.bharatdarshan.co.nz/author-profile/.../author5.ht...
रमुख कृष्णभक्त कवि रसखान की अनुरक्ति न केवल कृष्ण के प्रति प्रकट हुई है बल्कि कृष्ण-भूमि के प्रति भी उनका अनन्य अनुराग व्यक्त हुआ है। उनके काव्य में कृष्ण की रूप-माधुरी, ब्रज-महिमा, राधा-कृष्ण की प्रेम-लीलाओं का मनोहर वर्णन मिलता है।
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