संत कबीरदास के दोहे-मित्रता से भक्ति और ...
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संत कबीरदास के दोहे-मित्रता से भक्ति और सत्संग में बाधा आती है (bhakti aur satsang-kabir das ji ke dohe). दुनिया सेती ... मंदिरों और प्रार्थना घरों में फिल्मी गानों की तर्जपर भजन सुनकर लोग ऐसे नृत्य करते हैं मानो वह भगवान की भक्ति कर रहे हैं। ... Related. संतकबीर के दोहे-अपनी मति नहीं तो बड़े होने से क्या लाभ (bade hone se kya labh-hindu dharma sandesh)In "adhyatma".
संत कबीर दास के लोकप्रिय दोहे – Kabir Ke Dohe ...
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संत कबीर के दोहे – Kabir Ke Dohe. दोहा:- हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मरे, मरम न जाना कोई। अर्थ : कबीर दास जी कहते है कि हिन्दुओं को राम प्यारा है और मुसलमानों (तुर्क) को रहमान| इसी बात पर वे ...
रहीम के दोहे (भाग 2) | हम हिन्दी भाषी
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रहीम के दोहे, भावार्थ सहित ध्यान और वन्दना, अनन्यता, प्रेम, राम-नाम, मित्र, उपालम्भ, कितना बड़ा आश्चर्य है!, चेतावनी, ... शब्दार्थ / अर्थ : जिस प्रिय मित्र ने तन और मन पर कब्जा कर रक्खा है और हृदय मे जो सदा के लिए बस गया है, उससे सुख और दु:ख कहने की ...
कबीर दास जी के दोहे और उनके अर्थ | Kabir Das ke ...
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अर्थ : बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुँच गए, परसभी विद्वान न हो सके. कबीर मानते हैं कि यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षर ही अच्छी तरह पढ़ ले, अर्थात प्यार का वास्तविक रूप पहचान ले तो वही ...
रहीम के दोहे-पानी निभाता है दूध से मित्रता ...
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रहीम के दोहे-पानी निभाता है दूध से मित्रता (milk and water-rahim ke dohe). जलहि मिलाइ रहीम ज्यों, कयों ... उनके बोलने के तरीके और व्यवहार से ऐसा लगता है कि वह हमारे अच्छी साथी हैं पर यह केवल भ्रम होता है। जब तक सब ठीक है सभी लोग हमेशा ...
संत कबीर वाणी-मूर्ख की मित्रता से खीर मिले ...
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हो सकता है कि उनको कुछ मित्र पंच सितारा होटलों में भोजन करने के लिये निमंत्रण देते हों पर उनका आचरण ठीक न हो। इसलिये .... संत कबीर के दोहे-धनी गुरु को चेलों से खतरा रहता है (sant kabir ke dohe-amir guru ko chelon se khatra rahta hai). अगर देखा ...
कबीर के दोहे अर्थ सहीत | थोडा हल्का - जरा हटके ...
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वह इस बात का विचार नहीं करता कि जब उसका शरीर निर्जीव होकर इस धरती पर पड़ा रहेगा तब उसके कुल शान का क्या होगा? ..... मित्र और जाने अजुबे भी जिस अजुबे के सामने बोने लगते है कलिक अवतार के आने का वक्त आ गया है क्या पढें और गहनता से हर मानव विचार करे .... अधिक कबीर के दोहे के लिए आप यहां क्लिक करे: http://jack.jagranjunction.com/2012/11/28/kabir-ke-dohe-in-hindi-with-meaning/.
Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi कबीर दास के ...
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कबीर दास के दोहे Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित ... अर्थ : बड़ी बड़ी पुस्तकें पढ़ कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुँच गए, पर सभी विद्वान न हो सके.
संत कबीरदास के दोहे-मित्रता से भक्ति और ...
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संत कबीरदास के दोहे-मित्रता से भक्ति और सत्संग में बाधा आती है (bhakti aur satsang-kabir das ji ke dohe). दुनिया सेती दोसती ... जबकि इससे स्वयं और दूसरों को दिखाने की भक्ति तो हो जाती है, पर मन में संतोष नहीं होता। मनुष्य भक्ति करता है ...
कबीर के दोहे | Kabir Ke Dohe | Hindi Dohe
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कबीर दोहावली - कबीर के दोहे| Kabir Ke Dohe (Kabir Couplets in Hindi) ... भारत-दर्शन::इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका. Find Us On: Hindi English ... हम कबीर के अधिक से अधिक दोहों को संकलित करने हेतु प्रयासरत हैं। (1) चाह मिटी, चिंता
behen ke lodo site qyoon banai jab man nahi tha to
ReplyDeleteBilkul sahi
Deleteदोस्तों आप निराश मत होइए और अगर आपको कबीर या रहीम जी में से किसी के दोहे हिंदी में पढने हो तो आप http://www.motivationbio.com/kabir-das-ke-dohe/ पर जाकर पढ़ सकते हैं |
ReplyDeleteइस ब्लॉग पर मैंने कबीर जी के दोहे बढ़ी ही भावना के साथ लिखे हैं कृपया करके जरुर पढ़े
कबीर या रहीम जी के दोहे हिंदी में पढने के लिये मेरे ब्लॉग पर visit जरुर करें
ReplyDeletekabir das ke dohe
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