दोहे



दोहा मात्रिक अर्द्धसम छंद है। इसके पहले और तीसरे चरण में 13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। इस प्रकार प्रत्येक दल में 24 मात्राएं होती हैं। दूसरे और चौथे चरण के अंत में लघु होना आवश्यक है। दोहा सर्वप्रिय छंद है।


कबीर के दोहे | Kabir Ke Dohe | Hindi Dohe
www.bharatdarshan.co.nz/.../226/kabir-ke-dohe.html
रचनाकार: कबीरदास | Kabirdas. कबीर के दोहे सर्वाधिक प्रसिद्ध व लोकप्रिय हैं। हम कबीर के अधिक से अधिक दोहों को संकलित करने हेतु प्रयासरत हैं। (1) चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह। जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥ (2) माटी कहे कुम्हार से, तु क्या ...

Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi कबीर दास के ...
www.achhikhabar.com/.../kabir-das-ke-dohe-with-me...
कबीर दास के दोहे Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।

संत कबीर दास के लोकप्रिय दोहे – Kabir Ke Dohe ...
happyhindi.com/2014/11/21/kabir-ke-dohe/
संत कबीर दास के लोकप्रिय दोहे – Kabir Ke Dohe with Meaning in Hindi. संत कबीर (Kabir) जी का हिंदी साहित्य (Hindi Sahitya) में विशिष्ट स्थान है| वे बड़ी बड़ी बातों को अपने दोहों के माध्यम से बड़ी सरलता से समझा देते थे| कबीर दास के दोहे (Kabir ke ...

कबीर दास के दोहे हिंदी अर्थ सहित | Kabir ke Dohe ...
www.deepawali.co.in/kabir-ke-dohe.html
Kabir das ke Dohe Meaning In Hindi कबीर दास एक महान कवी थे इनके दोहेबहुत ही प्रेरणादायक थे कुछ कबीर के दोहे हिंदी अर्थ के साथ लिखे गये हैं |

Kabir Ke Dohe In Hindi - कबीर के दोहे
www.gyanipandit.com/kabir-ke-dohe/
Sant Kabir Das Ke Dohe in Hindi language, so read best collection of Kabir Ke Dohe with Hindi meaning, कबीरदास के दोहे अर्थ सहित हिन्दी में जरुर पढ़िए...

दोहे Dohe - अनुभूति
www.anubhuti-hindi.org/dohe/
अमीर खुसरो, अमीर खुसरों के दोहे. अशोक अंजुम, पानी नदिया प्यास ... आचार्य संजीव सलिल, फागुनी दोहे. आर सी शर्मा आरसी, दिवाली के दोहे. आलोक श्रीवास्तव, अम्मा · आलोक के दोहे. कन्हैयालाल शर्मा, राजनीति की नीति. कबीरदास, कबीर के दोहे. कमलेश ...

कबीर के दोहे | Kabir Dohe | Hindi Couplets - Kahat Kabir
www.kahatkabir.com/.../90/kabir-ke-dohe-hindi.html
कबीर के दोहे सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। दोहा एक मात्रिक छंद है, जिसमें चार पद होते हैं। Hindi Dohe(Couplets) by Kabirdas.

रहीम के दोहे | हम हिन्दी भाषी
https://hindibhashi.wordpress.com/.../रहीम-के-दोह...
रहीम के दोहे रहीम छिमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात। कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु मारी लात॥1॥ अर्थ: बड़ों को क्षमा शोभा देती है और छोटों को उत्पात (बदमाशी)। अर्थात अगर छोटे बदमाशी करें कोई बड़ी बात नहीं और बड़ों को इस बात पर क्षमा कर ...
कबीर के दोहे और उनके अर्थ

कबीर दास जी के दोहे और उनके अर्थ | Kabir Das ke ...
www.speakingtree.in/blog/kabir-das-ji-ke-dohe
कबीर दास जी के दोहे और उनके अर्थ | kabir das ke dohe with meaning in hindi - आज के ज़माने मे भी कबीर जी उतने ही प्रासंगि 25; है जितने वो अपने समय मे थे.

कबीर दास के दोहे हिंदी अर्थ सहित | Kabir ke Dohe ...
www.deepawali.co.in/kabir-ke-dohe.html
Kabir das ke Dohe Meaning In Hindi कबीर दास एक महान कवी थे इनके दोहे बहुत ही प्रेरणादायक थे कुछ कबीर के दोहे हिंदी अर्थ के ... कबीरदास (Kabir Das ke dohe and Poem in Hindi) भारत के महानतम कवी थे इन्होने जीवन और उसके भीतर भावनाओ को अहम् बताया और ... फिर भी उनका मन शांत नहीं होता इसलिये कवी कबीर दास कहते हैं – हे मनुष्य इस माला को जप कर मन की शांति ढूंढने के बजाय तू ...

Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi कबीर दास के ...
www.achhikhabar.com/.../kabir-das-ke-dohe-with-me...
कबीर दास के दोहे Kabir Das Ke Dohe With Meaning in Hindi पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो ... अर्थ : इस संसार में आकर कबीर अपने जीवन में बस यही चाहते हैं कि सबका भला हो और संसार में यदि किसी से दोस्ती ... बगुला उनका भेद नहीं जानता, परन्तु हंस उन्हें चुन-चुन कर खा रहा है.

संत कबीर दास के लोकप्रिय दोहे – Kabir Ke Dohe ...
happyhindi.com/2014/11/21/kabir-ke-dohe/
अर्थ : कबीर दास जी कहते है कि हिन्दुओं को राम प्यारा है और मुसलमानों (तुर्क) को रहमान| इसी बात पर वे आपस में झगड़ते ... उनका मन सत्य और प्रेम की ओर नहीं जाता| ऐसे व्यक्तियों को माला छोड़कर अपने मन को बदलना चाहिए और सच्चाई के ...

Kabir Ke Dohe In Hindi - कबीर के दोहे
www.gyanipandit.com/kabir-ke-dohe/
Sant Kabir Das Ke Dohe in Hindi language, so read best collection ofKabir Ke Dohe with Hindi meaning, कबीरदास के दोहे अर्थ सहित हिन्दी में जरुर ... अर्थ – जो गाँठ में बाँध रखा है, उसे हाथ में ला, और जो हाथ में हो उसे परोपकार में लगा | नर-शरीर के पश्चात् इतर ...

Kabir Das Ke Dohe in Hindi - कबीर के दोहे
suvicharhindi.com/kabir-das-ke-dohe-hindi/
तो आइए संत कबीर के कुछ दोहों को अर्थ के साथ हम जानते हैं. चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह। जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥ अर्थात- जिसकी इच्छा खत्म हो गई होऔर मन में किसी प्रकार की चिंता बाकी न रही हो. वह किसी राजा से कम ...

Kabir ke dohe: कबीर के दोहे हिन्दी में अर्थ सहित ...
jack.jagranjunction.com/.../kabir-ke-dohe-in-hindi-क...
कबीर दास के दोहे एक ऐसी वस्तु के रूप में विख्यात हैं जिन्हें पढकर कोई भी इंसान अपने जीवन को सही रास्ते पर ला सकता है. ... संत शिरोमणि कबीरदास जी कहते हैं कि कटु वचन बहुत बुरे होते हैं और उनकी वजह से पूरा बदन जलने लगता है। जबकि मधुर ...

विरह का अंग - कबीर के दोहे | हम हिन्दी भाषी
hindibhashi.com/.../विरह-का-अंग-कबीर-के-दोह...
अंदेसड़ा न भाजिसी, संदेसौ कहियां । कै हरि आयां भाजिसी, कै हरि ही पास गयां ॥1॥ भावार्थ / अर्थ – संदेसा भेजते-भेजते मेरा अंदेशा जाने का नहीं, अन्तर की कसक दूर होने की नहीं, यह कि प्रियतम मिलेगा या नहीं, और कब मिलेगा; हाँ यह अंदेशा दूर हो ...

रहीम के दोहे | हम हिन्दी भाषी
https://hindibhashi.wordpress.com/.../रहीम-के-दोह...
रहीम के दोहे. रहीम. छिमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात। कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु मारी लात॥1॥ अर्थ: बड़ों को क्षमा शोभा देती है और ... इसी तरह अच्छे और सज्जन व्यक्ति वो हैं जो दूसरों के कार्य के लिए संपत्ति को संचित करते हैं। ... जब हनुमान जी ने धोलागिरी को उठाया था तो उनकानाम कारन 'गिरिधर' नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने पर्वत राज को छति पहुंचाई थी, पर जब श्री

1 comment: