Soor Aur Vatsalya Ras by Manisha Kulshreshtha
hindinest.com/bhaktikal/02262.htm
उनके वात्सल्य वर्णन का कोई साम्य नहीं, वह अनूठा और बेजोड है। बालकों की प्रवृति और मनोविज्ञान का जितना सूक्ष्म व स्वाभाविक वर्णन सूरदास जी ने किया है वह हिन्दी के किसी अन्य कवि या अन्य भाषाओं के किसी कवि ने नहीं किया है। शैशव से लेकर ...
वात्सल्य रस - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी ...
bharatdiscovery.org/india/वात्सल्य_रस
सूरदास द्वारा इस वात्सल्य भाव का इतना विस्तार किया गया कि 'सूरसागर' को दृष्टि में रखते हुए वात्सल्य को रस न मानना एक ... कृष्ण लीला के अन्तर्गत सूर का वात्सल्य वर्णन रसत्व प्राप्ति के लिए अपेक्षित सभी अंगों-पांगों को अपने में समाविष्ट ...
सूरदास का वात्सल्य वर्णन है श्रेष्ठतम ... - Jagran
www.jagran.com/uttar.../firozabad-10935343.html
हरिबाबू कौशिक द्वारा सूरदास के पद का गायन के साथ सूरदास जी पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया। प्रो.मैनेजर पांडे ने सूर काव्य की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहावात्सल्य वर्णन से बच्चों के प्रति नई दृष्टि का बोध जागृत ...
सूरदास जीवन परिचय एवम् दोहे पद हिंदी अर्थ सहित
www.deepawali.co.in/surdas-dohe-jeevan-parichay-hi...
सूरदास हिंदी भाषा के सूर्य कहे जाते हैं इनकी रचनाओं में कृष्ण की भक्ति का वर्णनमिलता हैं | इनकी सूरसागर, सूर ... के आधार पर सूरदास जी के जन्म से अंधे होने पर संदेह हैं | श्याम सुंदर दास जी कहते हैं कि जिस तरह से वे वात्सल्य रस एवं ...
काव्य-रस एव समीक्षा
www.ignca.nic.in/coilnet/surdas03.htm
सूरदास जी वात्सल्यरस के सम्राट माने गए हैं। उन्होंने श्रृंगार और शान्त रसो का भी बड़ा मर्मस्पर्शीवर्णन किया है। ... वात्सल्य का वर्णन करते हुए वे इतने अधिक भाव-विभोर हो उठते हैं कि संसार काकोई आकर्षण फिर उनके लिए शेष नहीं रह जाता। सूर ने ...
सूरदास - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/wiki/सूरदास
सूरदास का नाम कृष्ण भक्ति की अजस्र धारा को प्रवाहित करने वाले भक्त कवियों में सर्वोपरि है। ... लेकिन राधा-कृष्ण के रुप सौन्दर्य का सजीव चित्रण, नाना रंगों का वर्णन, सूक्ष्म पर्यवेक्षणशीलता आदि गुणों के कारण अधिकतर वर्तमान ... सूर ने वात्सल्य, श्रृंगार और शांत रसों को मुख्य रूप से अपनाया है। सूर ने ...
वात्सल्य रस के सम्राट सूरदास जी के सन्दर्भ ...
drmanojjpr.blogspot.com/2011/.../blog-post_7727.ht...
'वात्सल्य रस के सम्राट सूरदास जी के सन्दर्भ में कुछ मतभेद' .... सूरदास ने गोसाई जी के सत्संग का एकाध स्थल पर संकेत करते हुए ब्रज के जिस वैभवपूर्ण जीवन का वर्णनकिया है, उससे विदित होता है कि गोसाई जी को सूरदास के जीवनकाल में ही ...
सूरदास के पद - कविता कोश
kavitakosh.org/kk/सूरदास_के_पद
राग बिलावल पर आधारित इस पद में श्रीकृष्ण की बाल लीला का अद्भुत वर्णन किया है भक्त शिरोमणि सूरदास जी ने। श्रीकृष्ण अभी बहुत छोटे हैं और यशोदा के आंगन में घुटनों के बल ही चल पाते हैं। एक दिन उन्होंने ताजा निकला माखन एक हाथ ...
भक्ति के दास्य भाव में वात्सल्य का रस सूर ने ...
hindi.speakingtree.in/article/content-247829
भक्ति के दास्य भाव में वात्सल्य का रस सूर ने ही घोला - बात उस समय की है, जब संत सूरदास पद रचने लगे थे। ... जब उन्होंने सूरदास के ये पद सुने, तो उन्हें झिड़कते हुए बोले, जो सूर हैं तें ऐसो घिघियात काहे को हैं, कछु भगवल्लीला वर्णन करि- ...
आदिकालीन और भक्तिकालीन काव्य: सूरदास ...
vle.du.ac.in/mod/book/view.php?id=10284...
वात्सल्य वर्णन. वात्सल्य को रस के रूप में व्यवहारिक दृष्टि से प्रतिष्ठित करने का कार्य महाकविसूरदास के द्वारा ही संभव हुआ | 'वत्सलता' या स्नेहपूर्ण भावों की अभिव्यक्ति करने वाला रस वात्सल्य रस कहलाता है | सूरदास से पूर्व भारतीय साहित्य
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