सूर के पद - Wikisource
https://wikisource.org/wiki/सूर_के_पद
सब प्रकार से वह अगम्य है अतः सूरदास सगुण ब्रह्म श्रीकृष्ण की लीलां का ही गायन करना ठीक समझते हैं। ३ धनाश्री .... उसी नैन रूपी मधुकर के सफल जीवन हैं जो मुकुंदरूपी मकरंद अर्थात कृष्ण-छवि पराग का पान करने के लि दौड़ते हैं। १२ सारंग ...
सूर के पद - सूरदास के पदों का संकलन | Sur Ke Pad
www.bharatdarshan.co.nz/magazine/.../sur-ke-pad.htm...
सूरदास के पद - इस पृष्ठ के अंतर्गत सूर के पदों का संकलन यहाँ उपलब्ध करवाया जा रहा है। कृष्णभक्त कवि सूरदास को वात्सल्य सम्राठ कहा जाता है। भक्त सूरदास ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का अद्भुत ह्रदय-स्पर्शी वर्णन किया है। Surdas ke Pad - A collection of ...
सूरदास - कविता कोश
kavitakosh.org/kk/सूरदास
सूरदास - कविता कोश भारतीय काव्य का विशालतम और अव्यवसायिक संकलन है जिसमें हिन्दी उर्दू, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि ... कवि, जिन्होंने अपने विभिन्न पदों एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया।
सूरदास जीवन परिचय एवम् दोहे पद हिंदी अर्थ सहित
www.deepawali.co.in/surdas-dohe-jeevan-parichay-hi...
सूरदास भक्ति काल सगुण धारा के कवी कहे जाते हैं | ये श्री कृष्ण के परम भक्त हैं इसलिए इनकी रचना में कृष्ण भक्ति के भाव उजागर होते हैं | सूरदास जन्म से ही नेत्रहीन थे लेकिन उनकी रचनाओं में कृष्ण लीलाओं का जो वर्णन हैं मिलता ...
सूरदास - विकिपीडिया
https://hi.wikipedia.org/wiki/सूरदास
इसमें साहित्य लहरी के रचना-काल केसम्बन्ध में निम्न पद मिलता है - ... है कि बल्लभाचार्य सूरदास से दस दिन बड़े थे और बल्लभाचार्य का जन्म उक्त संवत् की वैशाख् कृष्ण एकादशी को हुआ था।
सूरदास जी के पद [पुरालेख] - हिंदी विचार मंच
forum.hindivichar.com/archive/index.php/t-8729.html
वे वल्लभाचार्य के दर्शन को गए और उनसे लीलागान का उपदेश पाकर कृष्ण-चरित विषयक पदों की रचना करने लगे। कालांतर में श्रीनाथ जी के मंदिर का निर्माण होने पर महाप्रभु वल्लभाचार्य ने इन्हें यहाँ कीर्तन का कार्य सौंपा। सूरदास के ...
सूरदास के पद: भ्रमरगीत – Vedant Kesari
https://rajyogi255.wordpress.com/.../सूरदास-के-पद...
राग मल्हार में आबद्ध इस पद में सूरदास जी ने कृष्ण से विलग हुई गोपियों की विरह वेदना का सजीव चित्रण किया है। अक्रूरजी जब बलराम के साथ श्रीकृष्ण को भी मथुरा ले गए तब गोपियां विरहग्रस्त हो गई। सूरदास के पदों में गोपियों का विरह ...
सूरदास का कृष्ण प्रेम : फ़िरदौस ख़ान ...
www.chauthiduniya.com/2013/02/krishnas-love-surdas.html
सूरदास के जन्म स्थान और जन्म तिथि को लेकर अनेक मतभेद हैं. उनकी जन्मभूमि के तौर पर अब गोपाचल (ग्वालियर), मथुरा प्रांत में कोई गांव, रुनकता (आगरा), सीही (दिल्ली) और साही (आगरा) का ज़िक्र आता है. साहित्य लहरी के एक पद में उनका ...
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